A Simple Key For sidh kunjika Unveiled
श्री अन्नपूर्णा अष्टोत्तर शतनामावलिः
श्री लक्ष्मी अष्टोत्तर शतनाम स्तोत्रम्
नवरात्रि में देवी को प्रसन्न करने के लिए इसका पाठ करें. जानते हैं सिद्ध कुंजिका पाठ की विधि और लाभ.
अभक्ते नैव दातव्यं गोपितं रक्ष पार्वति।।
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क्लींकारी कामरूपिण्यै बीजरूपे नमोऽस्तु ते।
मारणं मोहनं वश्यं स्तंभनोच्चाटनादिकम् ।
येन मन्त्रप्रभावेण चण्डीजापः शुभो भवेत् ॥ १ ॥
इदंतु कुंजिकास्तोत्रं मंत्रजागर्तिहेतवे।
Salutations for the 1 that is angry, salutations to the killer of Madhu, Salutations to 1 who was victorious around Kaitabha, salutations for the killer of Mahisha
iti śrīrudrayāmalē gaurītantrē śiva pārvatī saṁvādē kuñjikā stōtraṁ sampūrṇam
ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डायै विच्चे ज्वल हं सं लं क्षं फट् स्वाहा ॥ ५ ॥
देवी वैभवाश्चर्य अष्टोत्तर शत नाम स्तोत्रम्
समय का अभाव है तो नवरात्रि के नौ दिनों में सिद्ध कुंजिका स्तोत्र का पाठ कर देवी की उपासना की जा click here सकती है. इससे पूजा और व्रत का अक्षय पुण्य प्राप्त होगा.